प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं
– मुख्य सचिव
– पर्यटन से बढ़ेंगे ग्रामीण रोजगार के अवसर
– हस्तशिल्प व स्थानीय उत्पादों का होगा संरक्षण
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जयपुर, 28 सितंबर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान सांस्कृतिक विविधता के साथ-साथ भौतिक विविधताओं से भी समृद्ध है और यहां ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने से ग्रामीण संस्कृति के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।tourism
मुख्य सचिव बुधवार को शासन सचिवालय में पर्यटन विभाग की राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना के प्रारूप के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।
श्रीमती शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन, पर्यटकों को नया अनुभव प्रदान करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा पलायन की रोकथाम होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन योजना का प्रारूप ऐसा होना चाहिए जिससे कृषि क्षेत्र में आय के अतिरिक्त स्रोत बढें, पर्यटकों के लिए गुणवत्तापूर्ण आवास और भोजन की व्यवस्था हो साथ ही हस्तशिल्प व स्थानीय उत्पादों का संरक्षण व प्रचार-प्रसार हो। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ग्रामीण संस्कृति एवं स्थानीय समुदाय की संस्कृति का संरक्षण का प्रचार प्रसार होना चाहिए।
प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि स्थानीय ग्रामवासियों को प्रोत्साहन देने के लिए पर्यटन इकाइयों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि राजस्थान में ग्रामीण पर्यटन के लिए अरावली व विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के साथ थार का मरुस्थल, दक्षिण में पठार, झीलें, वन्य जीवन, बाग- बगीचे, कृषि, पशुपालन, फल- फूल, सब्जियां, मसाले, रात्रि पर्यटन जैसे अनेक विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण गेस्ट हाउस विकसित किए जाएंगे।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव पंचायती राज श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव वन श्री शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनंद कुमार, निदेशक पर्यटन विभाग श्रीमती रश्मि शर्मा उपस्थित थे।